Original price was: ₹328.00.₹262.40Current price is: ₹262.40.
मधुमेह का आयुर्वेदिक समाधान: फलत्रिकादि क्वाथ चरक संहिता में वर्णित “फलत्रिकादि क्वाथ” मधुमेह (प्रमेह) के आयुर्वेदिक उपचार के रूप में विशेष रूप से प्रशंसित योग है। त्रिफला, दारुहरिद्रा, इन्द्रायण मूल और नागरमोथा जैसे औषधियों से बना यह क्वाथ कफज प्रमेह व स्थूल मधुमेह में अत्यंत प्रभावी पाया गया है। यह न केवल रक्तशर्करा को नियंत्रित करता है, बल्कि पाचन अग्नि को जागृत कर शरीर की मेद धातु को भी संतुलित करता है। विशेषज्ञों की सलाह से सेवन किए जाने पर यह योग आयुर्वेदिक विरेचन और दोषशोधन का सुरक्षित विकल्प प्रस्तुत करता है।
आयुर्वेद में मधुमेह को “प्रमेह” के नाम से जाना जाता है — यह एक जटिल रोग है, जो शरीर में त्रिदोष (वात, पित्त, कफ) के असंतुलन से उत्पन्न होता है। जबकि आधुनिक चिकित्सा इसे केवल रक्त शर्करा की अधिकता के रूप में देखती है, आयुर्वेद इसके मूल में मंदाग्नि, मेद धातु की वृद्धि और दोषों की संचिति को मानता है।
चरक संहिता के चिकित्सा स्थान अध्याय 6 में मधुमेह हेतु कई उपयोगी औषधियों का वर्णन है। इन्हीं में से एक है – फलत्रिकादि क्वाथ, जो आज हम “आज की औषधि” के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं।
यह औषध योग चार प्रभावशाली द्रव्यों से तैयार किया जाता है:
घटक औषधि | गुणधर्म / कार्य |
---|---|
त्रिफला (हरड़, बहेड़ा, आंवला) | रक्तशोधक, पाचन सुधारक, रेचक |
दारुहरिद्रा (Berberis aristata) | यकृत व अग्नि सुधारक, कफ-पित्त शामक |
इन्द्रायण मूल (Citrullus colocynthis) | तीव्र विरेचक, दोषशोधक |
नागरमोथा (Cyperus rotundus) | दीपक, पाचन युक्तिकारी, त्रिदोष शामक |
कफज व स्थूल मधुमेह में अत्यंत प्रभावशाली
मेद धातु को नियंत्रित करता है
पाचन अग्नि को प्रज्वलित कर मंदाग्नि को दूर करता है
विरेचन व शुद्धिकरण द्वारा दोषों को निकालता है
मूत्र में मिठास, अधिक मात्रा और गाढ़ेपन जैसी समस्याओं में राहत
“फलदारुहरिद्रायाः क्वाथ इन्द्रायणस्य च। नागरमूठया: क्वाथो मधुमेहे प्रशस्यते।”
— चरक संहिता, चिकित्सास्थान 6
यह श्लोक स्पष्ट करता है कि यह योग मधुमेह के लिए प्रशंसनीय और प्रमाणित औषधि है।
मात्रा:
प्रातः खाली पेट – 30 से 50 मि.ली.
या वैद्य निर्देश अनुसार
फलत्रिकादि क्वाथ केवल मधुमेह के लक्षणों को नहीं, बल्कि उसके मूल कारणों का उपचार करता है। यह आयुर्वेद की समग्र चिकित्सा प्रणाली का उत्कृष्ट उदाहरण है, जो शरीर को भीतर से संतुलित कर रोग निवारण करता है।
प्राकृतिक चिकित्सा की ओर एक सकारात्मक कदम — आयुर्वेद के संग स्वस्थ जीवन।
यह जानकारी केवल शैक्षिक और जागरूकता हेतु है। औषधियों का सेवन केवल प्रमाणित आयुर्वेदाचार्य की देखरेख में करें।
GNET –
best